आजचे सुभाषित २९ मे २०२०
अधर्मेणैथते पूर्व ततो भद्राणि पश्यति !! तत: सपत्नान् जयति समूलस्तु विनश्यति !!
कुटिलता व अधर्म से मानव क्षणिक समॄद्वि व संपन्नता पाता है अच्छी दैवकृपा का अनुभव भी करता है शत्रु को भी जीत लेता है परन्तु अन्त में उसका विनाश निश्चित है !
आजचे सुभाषित २९ मे २०२०
