उत्तमस्यापिवर्णस्य नीचोऽपि गृहमागतः । पूजनीयो यथायोग्यं सर्वमयोऽतिथिः ॥
अर्थ : उच्चतम वर्ण के व्यक्ति के घर में यदि किसी निम्न वर्ण का व्यक्ति भी आता हो तो उसका यथायोग्य आदर करना टाहिये क्योंकि एक अतिथि (बिना निमन्त्रित किया हुआ और किसी पूर्व सूचना आया हुआ व्यक्ति) समस्त देवताओं के समान पूजनीय होता है ।
– ज्योतिष सेवा मनूरकर