दि. २९ जून २०२०, सोमवार
देहेऽस्थिमांसरुधिरेऽभिमतिं त्यज त्वं जायासुतादिषु सदा ममतां विमुञ्च। पश्यानिशं जगदिदं क्षणभङ्गनिष्ठं वैराग्यरागरसिको भव भक्तिनिष्ठः॥
अर्थ : अस्थि, मांस और रुधिर आदि पदार्थों से बने हुए इस शरीर के प्रति अहंता को त्याग दो, स्त्री-पुत्र तथा कुटुम्ब-परिवार वालों में ममता मत रखो। इस क्षणभंगुर असार संसार की वास्तविक स्थिति को समझते हुए वैराग्य से प्रेम करनेवाले बनो। सदा भक्तिनिष्ठ होकर ही जीवन को बिताओ।*
दैनिक सुर्योदय सुर्यास्त मुहुर्ताच्या सर्व वेळा भारतीय प्रमाण वेळेनुसार आहेत. भारतात सर्वत्र चालतील.
आपला दिवस सुखाचा जावो, मन प्रसन्न राहो.