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आजचे सुभाषित

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आजचे सुभाषित, दि. १ जून २०२०, सोमवार

सन्तापाद् भ्रश्यते रुपं सन्तापाद् भ्रश्यते बलम्। सन्तापाद् भ्रश्यते ज्ञानं सन्तापाद् व्याधिमृच्छति॥ अर्थ :शोक करने से रूप -सौंदर्य नष्ट होता है, शोक करने से पौरुष नष्ट होता है, शोक करने से…

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धॄति: क्षमा दमोऽ स्तेयंशौचमिन्द्रियनिग्रह:। धीर्विद्या सत्यमक्रोधो दशकं धर्मलक्षणम्॥* अर्थ : धर्म के दस लक्षण हैं – धैर्य, क्षमा, आत्म-नियंत्रण, चोरी न करना, पवित्रता, इन्द्रिय-संयम, बुद्धि, विद्या, सत्य और क्रोध न…

आजचे सुभाषित २९ मे २०२०

आजचे सुभाषित २९ मे २०२० अधर्मेणैथते पूर्व ततो भद्राणि पश्यति !! तत: सपत्नान् जयति समूलस्तु विनश्यति !! कुटिलता व अधर्म से मानव क्षणिक समॄद्वि व संपन्नता पाता है अच्छी दैवकृपा…

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येषां न विद्या न तपो न दानं, ज्ञानं न शीलं न गुणो न धर्म:। ते मृत्युलोके भुवि भारभूता, मनुष्यरूपेण मृगाश्चरन्ति।। अर्थ :जिसके पास विद्या, तप, ज्ञान, शील, गुण और धर्म…

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उत्तमस्यापिवर्णस्य नीचोऽपि गृहमागतः । पूजनीयो यथायोग्यं सर्वमयोऽतिथिः ॥अर्थ : उच्चतम वर्ण के व्यक्ति के घर में यदि किसी निम्न वर्ण का व्यक्ति भी आता हो तो उसका यथायोग्य आदर करना…

आजचे सुभाषित

त्वत्संस्तवेन भव-सन्तति-सन्निबद्धं पापं क्षणात्क्षयमुपैति शरीरभाजाम् | आक्रान्त-लोकमति नीलमशेषमाशु सूर्याशु-भिन्नमिव शार्वरमन्धकारम्|| अर्थ :हे भगवन! आपकी स्तुति से प्राणियों के अनेक जन्मों में बाँधे गये पाप कर्म क्षण भर में नष्ट हो…

आजचे सुभाषित

ॐ पूर्णमदः पूर्णमिदं पूर्णात् पूर्णमुदच्यते। पूर्णस्य पूर्णमादाय पूर्णमेवावशिष्यते॥ अर्थात वह सच्चिदानंदघन परब्रह्म पुरुषोत्तम परमात्मा सभी प्रकार से सदा सर्वदा परिपूर्ण है।यह जगत भी उस परब्रह्म से पूर्ण ही है, क्योंकि…

आजचे सुभाषित

।।शरीरमाद्यं खलु धर्मसाधनम्।।शरीर ही सभी धर्मों (कर्तव्यों) को पूरा करने का साधन है। अर्थात शरीर को सेहतमंद बनाए रखना जरूरी है। इसी के होने से सभी का होना है अत:…

या पानाची मजकूर तुम्ही कॉपी करू शकत नाही.