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आजचे सुभाषित, दि. १ जून २०२०, सोमवार

सन्तापाद् भ्रश्यते रुपं सन्तापाद् भ्रश्यते बलम्। सन्तापाद् भ्रश्यते ज्ञानं सन्तापाद् व्याधिमृच्छति॥ अर्थ :शोक करने से रूप -सौंदर्य नष्ट होता है, शोक करने से पौरुष नष्ट होता है, शोक करने से…

आजचे सुभाषित २९ मे २०२०

आजचे सुभाषित २९ मे २०२० अधर्मेणैथते पूर्व ततो भद्राणि पश्यति !! तत: सपत्नान् जयति समूलस्तु विनश्यति !! कुटिलता व अधर्म से मानव क्षणिक समॄद्वि व संपन्नता पाता है अच्छी दैवकृपा…

आजचे सुभाषित

त्वत्संस्तवेन भव-सन्तति-सन्निबद्धं पापं क्षणात्क्षयमुपैति शरीरभाजाम् | आक्रान्त-लोकमति नीलमशेषमाशु सूर्याशु-भिन्नमिव शार्वरमन्धकारम्|| अर्थ :हे भगवन! आपकी स्तुति से प्राणियों के अनेक जन्मों में बाँधे गये पाप कर्म क्षण भर में नष्ट हो…

आजचे सुभाषित

।।शरीरमाद्यं खलु धर्मसाधनम्।।शरीर ही सभी धर्मों (कर्तव्यों) को पूरा करने का साधन है। अर्थात शरीर को सेहतमंद बनाए रखना जरूरी है। इसी के होने से सभी का होना है अत:…

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